Sunday, September 15, 2024

DeFi Lending Platforms Guide

         DeFi Lending Platforms     Guide

  DeFi Lending Platforms Guide: How to Lend and Earn in 2024


Decentralized Finance (DeFi) में लेंडिंग प्लेटफॉर्म्स एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे यूजर्स बिना किसी मध्यस्थ (जैसे बैंक्स) के अपने क्रिप्टो असेट्स को लेंड (उधार) करके ब्याज कमा सकते हैं। 2024 में DeFi लेंडिंग प्लेटफॉर्म्स और भी अधिक लोकप्रिय हो रहे हैं, और कई नए प्रोटोकॉल्स भी मार्केट में आ रहे हैं। 


इस गाइड में, हम DeFi लेंडिंग प्लेटफॉर्म्स, उनकी कार्यप्रणाली, और कैसे आप इनका उपयोग करके निष्क्रिय आय (Passive Income) कमा सकते हैं, इसके बारे में जानेंगे।


1. DeFi Lending Platforms कैसे काम करते हैं?


DeFi लेंडिंग प्लेटफॉर्म्स ब्लॉकचेन पर आधारित होते हैं और इन्हें स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स के द्वारा चलाया जाता है। ये प्लेटफॉर्म्स लेंडर्स और बोर्रोवर्स के बीच में एक पुल का काम करते हैं। लेंडर्स अपने क्रिप्टो असेट्स को प्लेटफॉर्म पर जमा करते हैं और इसके बदले ब्याज कमाते हैं, जबकि बोर्रोवर्स इन असेट्स को एक निश्चित ब्याज दर पर उधार लेते हैं।


प्रमुख चरण:

  लेंडिंग: आप प्लेटफॉर्म पर अपने क्रिप्टो असेट्स जमा करते हैं और लिक्विडिटी पूल में जोड़ते हैं। ये असेट्स फिर बोर्रोवर्स को दिए जाते हैं।

      ब्याज अर्जन (Interest Earning):आपके द्वारा जमा किए गए असेट्स पर आपको ब्याज मिलता है, जो प्रोटोकॉल के आधार पर अलग-अलग हो सकता है।

   बोर्रोइंग: यूजर्स क्रिप्टो असेट्स उधार लेने के लिए अपने पास मौजूद क्रिप्टो को बतौर कोलेटरल (Collateral) के रूप में प्लेटफॉर्म पर जमा करते हैं।

  

   2. DeFi लेंडिंग प्लेटफॉर्म्स के फायदे


   बिचौलियों की अनुपस्थिति: पारंपरिक बैंकिंग की तुलना में कोई मिडिलमैन नहीं होता, जिससे फीस कम हो जाती है।

   स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स: ये स्वचालित होते हैं, और ट्रांजेक्शन्स पारदर्शी और सुरक्षित होते हैं।

   उच्च रिटर्न: DeFi लेंडिंग प्लेटफॉर्म्स अक्सर पारंपरिक बैंकिंग सेवाओं से बेहतर ब्याज दरें प्रदान करते हैं।

   लिक्विडिटी: आप अपने क्रिप्टो असेट्स को लिक्विडिटी पूल में डाल सकते हैं, जिससे प्लेटफॉर्म में अधिक लिक्विडिटी आती है और यूजर्स आसानी से उधार ले सकते हैं।

  

   3. प्रमुख DeFi लेंडिंग प्लेटफॉर्म्स


  a) Aave

    विशेषताएं: Aave सबसे प्रमुख DeFi लेंडिंग प्लेटफॉर्म्स में से एक है। यह एक मल्टी-चेन प्रोटोकॉल है और एथेरियम, पॉलीगॉन, अवलांच जैसे विभिन्न नेटवर्क्स पर उपलब्ध है।

      फ्लैश लोन: Aave एक नई फ्लैश लोन सुविधा प्रदान करता है, जिसमें बगैर कोलेटरल के तुरंत लोन लिया और चुकाया जा सकता है।

    सपोर्टेड असेट्स: ETH, DAI, USDC, LINK, और कई अन्य।

      ब्याज दरें: फ्लोटिंग और स्थिर दरें, जो मार्केट की मांग और आपूर्ति पर आधारित होती हैं।

   

  b) Compound

      विशेषताएं: Compound एक ऑटोमेटेड लेंडिंग और बोर्रोइंग प्लेटफॉर्म है, जहां यूजर्स अपने टोकन्स को cTokens में बदलते हैं और ब्याज कमाते हैं।

      सपोर्टेड असेट्स: DAI, USDC, ETH, BAT, आदि।

     ब्याज दरें: ब्याज दरें लिक्विडिटी पूल में उपलब्ध लिक्विडिटी और डिमांड पर निर्भर करती हैं।

   

   c) MakerDAO

    विशेषताएं: MakerDAO अपने स्थिर मुद्रा DAI के लिए जाना जाता है। यूजर्स अपने क्रिप्टो असेट्स (जैसे ETH) को कोलेटरल के रूप में लॉक करके DAI उधार ले सकते हैं।

      सपोर्टेड असेट्स: ETH, WBTC (Wrapped Bitcoin), और अन्य।

     ब्याज दरें: Stability Fees के आधार पर। DAI का ब्याज दर आमतौर पर स्थिर होती है।

   

   d) Venus (Binance Smart Chain)

     विशेषताएं: Venus Binance Smart Chain पर आधारित एक प्रमुख DeFi लेंडिंग प्लेटफॉर्म है। इसका उद्देश्य कम फीस और तेजी से ट्रांजेक्शन्स प्रदान करना है।

      सपोर्टेड असेट्स: BNB, BTC, ETH, आदि।

     ब्याज दरें: Venus में ब्याज दरें आपूर्ति और मांग पर आधारित होती हैं।

   

    e) Yearn Finance

     विशेषताएं: Yearn Finance एक DeFi एग्रीगेटर है, जो आपके निवेश को अधिकतम ब्याज अर्जित करने के लिए विभिन्न DeFi प्लेटफॉर्म्स पर स्वचालित रूप से रूट करता है।

     सपोर्टेड असेट्स: DAI, USDC, ETH, आदि।

     ब्याज दरें: ये फॉर्मिंग स्ट्रेटेजी पर निर्भर करती हैं, जो Yearn का एल्गोरिदम तय करता है।


  4. DeFi लेंडिंग में ब्याज दरें कैसे निर्धारित होती हैं?


DeFi लेंडिंग प्लेटफॉर्म्स पर ब्याज दरें पूल में मौजूद लिक्विडिटी और उधार लेने की मांग पर आधारित होती हैं। यदि लेंडर्स अधिक लिक्विडिटी प्रदान कर रहे हैं, तो ब्याज दरें कम होती हैं। वहीं, यदि उधार की मांग अधिक है और लिक्विडिटी कम है, तो ब्याज दरें अधिक होती हैं।


   फ्लोटिंग बनाम स्थिर ब्याज दरें (Variable vs. Stable Rates):फ्लोटिंग दरें (Variable Rates): ये बाजार की स्थितियों के आधार पर समय-समय पर बदलती रहती हैं।

   स्थिर दरें (Stable Rates): स्थिर दरें यूजर्स को लंबे समय तक स्थिर ब्याज दरों का फायदा उठाने का विकल्प देती हैं, भले ही बाजार में उतार-चढ़ाव हो।


   5. DeFi लेंडिंग प्लेटफॉर्म्स पर कैसे लेंड करें?


DeFi प्लेटफॉर्म्स पर लेंडिंग करना काफी आसान है। यहाँ लेंडिंग का एक सामान्य चरण-दर-चरण गाइड दिया गया है:


   स्टेप 1: वॉलेट कनेक्ट करें

   - सबसे पहले, आपको एक क्रिप्टो वॉलेट की आवश्यकता होगी। MetaMask, Trust Wallet, या Coinbase Wallet जैसे वॉलेट्स आमतौर पर DeFi प्लेटफॉर्म्स के साथ समर्थित होते हैं।

   स्टेप2: प्लेटफॉर्म पर अपने फंड्स डिपॉजिट करे

    DeFi प्लेटफॉर्म पर अपने क्रिप्टो असेट्स जमा करें। आपके द्वारा जमा किए गए फंड्स लिक्विडिटी पूल में जुड़ जाएंगे, और आप ब्याज कमाना शुरू कर सकते हैं।


स्टेप 3: ब्याज दरें और असेट्स का चयन करे

    आपके द्वारा जमा की गई असेट्स पर दी जा रही ब्याज दरें देखें और उन असेट्स का चयन करें जिन पर आप अधिक ब्याज अर्जित कर सकते हैं। यह दरें स्थिर या फ्लोटिंग हो सकती हैं।


    स्टेप 4: फंड्स लेंड करें

    अपने फंड्स को लेंडिंग के लिए उपलब्ध कराएं। प्लेटफॉर्म स्वचालित रूप से इन फंड्स को बोर्रोवर्स को उधार देगा।


     स्टेप 5: ब्याज अर्जित करें

    आपके द्वारा लेंड किए गए फंड्स पर आप समय के साथ ब्याज अर्जित करेंगे। यह ब्याज आपको आपके वॉलेट में ऑटोमैटिक रूप से क्रेडिट किया जाएगा।


6. DeFi लेंडिंग में जोखिम (Risks in DeFi Lending)


    DeFi लेंडिंग प्लेटफॉर्म्स के कई फायदे हैं, लेकिन इनसे जुड़े कुछ जोखिम भी होते हैं:


a) स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट रिस्क:

   - DeFi प्लेटफॉर्म्स स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स पर निर्भर होते हैं, और यदि इनमें कोई बग या सुरक्षा खामी होती है, तो यूजर्स के फंड्स को खतरा हो सकता है।

   

b) अस्थिरता (Volatility):

    क्रिप्टो असेट्स की कीमतें अस्थिर होती हैं। यदि आपने कोई असेट्स उधार लिया है और उसकी कीमत अचानक से गिर जाती है, तो आपको अपनी पोजीशन को बनाए रखने के लिए और कोलेटरल जोड़ना पड़ सकता है।


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